अगर पुलिस को लगता है कि कोरा चैक मिलना कोई अपराध है तो वह अलग से मामला दर्ज कर सकती है।
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ऐसा करते हुए वह यह भूल जाता है कि भारत पाकिस्तान नहीं है, जो उसे ' कोरा चैक ' देने को तैयार है।
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चूंकि ऐसे लोगो के पास कोई गारन्टी बतौर सम्पत्ति तो रहती नही है इसलिए यह लोगों से एक कोरे नॉन ज्यूडिशियल स्टॉम्प पर हस्ताक्षर तथा एक कोरा चैक बिना तारीख तथा बिना राशि भरे हुए सिर्फ खाता धारक के हस्ताक्षर कराकर बतौर गारन्टी रख लेता है।